देहरादून से दिल्ली पहुंचने में महज ढाई से तीन घंटे का समय लगेगा। इस प्रोजेक्ट में एशिया का सबसे बड़ा वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर भी बनाया जाएगा। प्रोजेक्ट का काम तेजी से चल रहा है। एलिवेटेड रोड के 230 पिलर पूरे हो चुके हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी दिन-रात काम कर रहे हैं।
हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने धर्मपुर विधायक विनोद चमोली के साथ बुधवार को एलिवेटेड रोड की प्रगति की समीक्षा की. उन्होंने कार्य की गति पर संतोष व्यक्त किया और अधिकारियों को कुछ दिशा-निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि शहर के विस्तार के साथ ट्रैफिक का दबाव काफी बढ़ गया है। इसे देखते हुए आईएसबीटी के पास से देहरादून की ओर जाने वाली एक्सप्रेस-वे परियोजना को फ्लाईओवर से सीधे जोड़ा जाए।
Dehradun Delhi Expressway Elevated Road
उन्होंने चंद्रबनी से आशारोड़ी तक फुटपाथ तैयार करने के भी निर्देश दिए। इस मौके पर परियोजना निदेशक पंकज मौर्य ने बताया कि 12 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड के लिए कुल 550 पिलर बनाए जाने हैं. इनमें से 230 पिलर बन चुके हैं और करीब 300 पिलर की नींव का काम पूरा हो चुका है।
340 मीटर की दतकली टनल का काम भी अक्टूबर 2023 की जगह मार्च 2023 में पूरा हो जाएगा। एलिवेटेड रोड के नीचे का हिस्सा वन्यजीवों की आवाजाही के लिए खुला रहेगा। परियोजना के पूरा होने के बाद गति को रोकने वाले और जाम लगाने वाले सभी मोड़ समाप्त हो जाएंगे, जिससे देहरादून से दिल्ली की दूरी ढाई घंटे कम हो जाएगी।
आपको बता दें कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे परियोजना 210 किलोमीटर लंबी है, जिसका बजट लगभग 12,000 करोड़ रुपये है। इसके तहत 12 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड बनाई जाएगी। एक्सप्रेसवे को इस तरह बनाया जाएगा कि वाहन 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकें। सड़क का निर्माण अक्टूबर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
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