नई दिल्ली: अब भारत माला सड़क परियोजना के तहत एक और बड़ा हाईवे बन रहा है, जो चारों राज्यों को जोड़ेगा और इसका सीधा फायदा सभी राज्यों को मिलेगा.
लाऊंगा। वहीं, इस नए हाईवे के बनने से 6 घंटे में सफर कम होकर 3 घंटे का हो जाएगा. केंद्र सरकार इस प्रोजेक्ट पर करीब 18000 करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है।
इस सड़क परियोजना की सबसे खास बात यह है कि इसे एनजीटी से भी मंजूरी मिल चुकी है। यानी राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल की मंजूरी के बाद इस प्रोजेक्ट पर जल्द से जल्द काम शुरू करने की तैयारी की गई है।
पीएम ने रखी थी आधारशिला
तो आइए आपको बताते हैं इस अहम रोड प्रोजेक्ट के बारे में। दिल्ली, हरियाणा से देहरादून होते हुए बनने वाले इस हाईवे का निर्माण भारतमाला रोड प्रोजेक्ट के तहत किया जाएगा। किया जा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 दिसंबर 2021 को इस परियोजना की नींव रखी थी। यह सड़क पूरी तरह से आधुनिक और तेज रफ्तार वाली होगी।
जिस पर यात्रा करने का एक अलग ही मजा होगा। इस प्रोजेक्ट की खास बात यह है कि इस हाईवे पर 6 घंटे की दूरी महज ढाई से तीन घंटे में पूरी की जा सकती है।
तेज स्पीड होगी यात्रा
यानी दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा के लोग अब इस हाईवे पर आरामदायक और तेज रफ्तार से यात्रा कर उत्तराखंड की यात्रा कर सकेंगे. बता दें कि एनजीटी ने इस प्रोजेक्ट पर कई शर्तें लगाई हैं और इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया है, जो पूरे प्रोजेक्ट की निगरानी करेगी।
दरअसल, इस हाईवे के निर्माण के लिए बड़ी संख्या में पेड़ों को काटना पड़ता है, जिसका सीधा नुकसान पर्यावरण को होगा. इसलिए एनजीटी ने इस परियोजना पर रोक लगा दी थी। लेकिन अब एनजीटी ने कई शर्तों के साथ इस हाईवे के निर्माण को मंजूरी दे दी है।
मंजूरी देने से पहले महत्वपूर्ण टिप्पणी
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल, जस्टिस सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. नागिन नंदा की बेंच ने एक्सप्रेसवे को मंजूरी देने से पहले अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि यह विश्वास करना मुश्किल है कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने जंगल को साफ कर दिया है।
परियोजना। देते समय विवेक का प्रयोग नहीं किया गया होगा। एनजीटी ने कहा कि परियोजना को मंजूरी मिलते ही दूसरे चरण में पेड़ों की कटाई की जाएगी. तथापि हम देख सकते हैं कि पारदर्शिता के लिए प्रथम चरण के बाद द्वितीय चरण/पेड़ काटने की स्वीकृति दी जानी चाहिए और इसे तुरंत वेबसाइट पर अपलोड किया जाना चाहिए।
NHAI को सौंपा निगरानी का काम
एनजीटी ने दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की निगरानी का काम भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को सौंपा है। एनजीटी ने प्राधिकरण से एक्सप्रेस-वे बनाने को कहा
पर्यावरण के अनुकूल होने के लिए, यह पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाता है, इसके लिए एनएचएआई को एक स्वतंत्र निगरानी प्रणाली बनानी चाहिए। एनजीटी ने इस निगरानी के लिए 12 सदस्यीय विशेषज्ञ पैनल नियुक्त किया है।
इसकी अध्यक्षता उत्तराखंड के मुख्य सचिव करेंगे, इसमें भारतीय वन्यजीव संस्थान, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उत्तराखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और अन्य शामिल हैं।
Disclaimer: इस खबर में जो भी जानकारी दी गई है उसकी पुष्टि DelhiNewsToday.com द्वारा नहीं की गई है। यह सारी जानकारी हमें सोशल और इंटरनेट मीडिया के जरिए मिले मनोरंजन और जानकारी के लिए तैयार किया गया है। खबर पढ़कर कोई भी कदम उठाने से पहले अपनी तरफ से लाभ-हानि का अच्छी तरह से आंकलन या इंटरनेट पर रीसर्च ज़रूर कर लें और किसी भी तरह के कानून का उल्लंघन न करें। ?>