Ration Card: एक तरफ सरकार ने लोगों की सुविधा के लिए मुफ्त राशन की अवधि दिसंबर तक बढ़ा दी है. दूसरी ओर, मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी ‘वन नेशन वन राशन कार्ड योजना’ को भी पूरे देश में लागू कर दिया गया है, जिसके बाद सभी दुकानों पर ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) डिवाइस अनिवार्य कर दिया गया है। सरकार के इस फैसले से अब किसी भी लाभार्थी को कम राशन नहीं मिलेगा।
अब राशन तौलने में नहीं होगी गड़बड़ी
दरअसल, केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत राशन की दुकानों पर इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सेल (ईपीओएस) उपकरणों को इलेक्ट्रॉनिक तराजू से जोड़ने का फैसला किया है, ताकि लाभार्थियों को सही मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध हो सके. कानून ने नियमों में संशोधन किया है।
इसके बाद सभी कोटेदारों को इलेक्ट्रॉनिक तराजू रखना अनिवार्य हो गया है। इसके लिए सरकार निरीक्षण भी करवा रही है, ताकि अब कोई कोटा चोरी न कर सके।
देशभर में लागू हुआ नया नियम
सरकार के इस आदेश के बाद अब देश के सभी उचित मूल्य की दुकानों को ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सेल यानी पीओएस डिवाइस से जोड़ दिया गया है. यानी अब राशन तौल में गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं रह गई है।
आपको बता दें कि सरकार ने राशन डीलरों को हाईब्रिड मॉडल प्वाइंट ऑफ सेल मशीन मुहैया कराई है, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के लाभार्थियों को किसी भी सूरत में कम राशन नहीं मिलना चाहिए. आपको बता दें कि नेटवर्क न होने पर ये मशीनें ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन मोड में भी काम करेंगी।
ये बड़े बदलाव हुए
सरकार ने बताया कि खाद्य सुरक्षा (राज्य सरकारों को सहायता नियम) नियमावली, 2015 के उपनियम राज्यों को उचित तरीके से ईपीओएस उपकरण संचालित करने के लिए प्रोत्साहित करने और 17.00 रुपये प्रति क्विंटल के अतिरिक्त लाभ से बचत को बढ़ावा देने के लिए (2) नियम 7 में संशोधन किया गया है।
इसके तहत, पॉइंट ऑफ़ सेल उपकरणों की खरीद, संचालन और रखरखाव की लागत के लिए प्रदान किया गया अतिरिक्त मार्जिन, यदि कोई हो, किसी भी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश द्वारा बचाया जाता है, तो उसे इलेक्ट्रॉनिक तौल तराजू की खरीद, संचालन और रखरखाव के साथ साझा किया जा सकता है। दोनों के लिए। एकीकरण के लिए उपयोग किया जा रहा है। यानी सरकार अब लाभार्थियों को पूरा राशन पहुंचाने के लिए सख्त हो गई है।
जानिए क्या है नियम
सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, यह संशोधन एनएफएसए के तहत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) के संचालन की पारदर्शिता में सुधार करके अधिनियम की धारा 12 के तहत खाद्यान्न तोलने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का एक प्रयास है। दरअसल, लगातार शिकायतें आती रहती थीं।
कि कई जगहों पर कोटेदार कम राशन तोलते हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत सरकार देश के लगभग 80 करोड़ लोगों को प्रति माह पांच किलो गेहूं और चावल (खाद्यान्न) क्रमशः 2-3 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर उपलब्ध करा रही है।
Disclaimer: इस खबर में जो भी जानकारी दी गई है उसकी पुष्टि DelhiNewsToday.com द्वारा नहीं की गई है। यह सारी जानकारी हमें सोशल और इंटरनेट मीडिया के जरिए मिले मनोरंजन और जानकारी के लिए तैयार किया गया है। खबर पढ़कर कोई भी कदम उठाने से पहले अपनी तरफ से लाभ-हानि का अच्छी तरह से आंकलन या इंटरनेट पर रीसर्च ज़रूर कर लें और किसी भी तरह के कानून का उल्लंघन न करें। ?>